ईश्वर प्राप्ति के लक्षण।

शिशुरूपेण चञ्चलस्वभावेन रमते भगवान् जगत्पतिः। अस्मिन् रूपे भगवान् भक्तात्मनः परिचयं ददाति॥ ईश्वरं प्राप्तुं सुलभः उपायः जीवः स्वभावतः प्रकृतेः नियमेन स्नेहयति स्वसंततिं। यः जीवः सुतसंततिं ईश्वरांशत्वेन मन्यते च सेवते। स तत्र स्नेहं भगवद्भावेन वाहयन्, सहजमेव ईश्वरं प्राप्नोति। एतत् कर्म केवलं षड्रिपून् निगृह्य एव सम्भवति॥ ★ ईश्वर प्राप्ति के लक्षण। ईश्वर प्राप्ति (ईश्वरप्राप्ति) के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जो विभिन्न धर्मों और आध्यात्मिक मार्गों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं— 1.भगवान का नाम लेते ही आँखों से आँसू छलक पड़ते हैं, आवाज भर आती है, और शरीर भक्ति के आनंद से पुलकित हो उठता है। 2.अहंकार समाप्त हो जाएगा। अखंड शांति और आनंद की अनुभूति होगी। 3."असीम प्रेम और करुणा का अनुभव होगा। भगवान की शरण में मनन और चिंतन करने से अश्रु बहने लगेंगे।" 4. भगवान का मनन और चिंतन प्रबल होगा, फलस्वरूप अन्यमनस्कता आएगी। सांसारिक आसक्तियों (माया-मोह) से मुक्ति मिल जाएगी। 5.चेतना ऊँचे स्तर पर पहुँच जाएगी और समभाव विकसित होगा। 6.सुख-...