मंत्र, बीज मंत्र, प्रणव मंत्र ,ब्रह्म एकाक्षर मंत्र क्या होते हैं।
मंत्र क्या होते हैं।
मंत्र:- इस शब्द में 'मन्' का तात्पर्य मन और मनन से है और 'त्र' का तात्पर्य शक्ति और रक्षा से है । मंत्र अर्थात जिसके मनन से व्यक्ति का विकास(शक्ति और रक्षा) होता है।
बीज मंत्र क्या होते हैं।
बीज मंत्रों का तात्पर्य मुख्य (मूल) मंत्र मंत्रों है। बीज मंत्र कई मंत्र रचनाओं का हिस्सा हैं और इसलिए वे मंत्रों की बैटरी की तरह हैं। बीज मंत्रों के बारे में कहा जाता है कि ये अत्यन्त छोटे लेकिन बड़े प्रभावशाली होते हैं। इसके अलावा अलग-अलग समस्यों के समाधान के लिए अलग-अलग बीज मंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। बीज मंत्र महान आध्यात्मिक शक्तियों से संपन्न ध्वनियां हैं, इन्हें अक्सर हिंदू धर्म में प्रमुखता से सभी देवता का श्रव्य बीज संस्करण कहा जाता है ।
प्रणव मंत्र क्या होते हैं।
प्रणव मंत्र :प्र अर्थात प्रकृति से उत्पन्न संसार रूपी महासागर तथा प्रणव इसे पार करने के लिए (णव/नव) नाव के समान है।
एकाक्षर (एकाक्षरी ) मंत्र क्या होते हैं।
एकाक्षर मंत्र :-ये महज एक शब्द के होते हैं।
ब्रह्म का एकाक्षर मंत्र।
ॐ मंत्र को ब्रह्म का एकाक्षर मंत्र भी कहा जाता है।